जिला कलेक्टर (District Collector) कैसे बने? How to become DC? पूरी जानकारी और तैयारी गाइड

जिला कलेक्टर (District Collector) कैसे बने? पूरी जानकारी और तैयारी गाइड

भारत में जिला कलेक्टर (District Collector) या जिलाधिकारी (DM) बनना एक प्रतिष्ठित और सम्मानजनक पद माना जाता है। यह पद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों को दिया जाता है, जो जिला प्रशासन का प्रमुख होता है। जिला कलेक्टर कानून-व्यवस्था बनाए रखने, सरकारी योजनाओं को लागू करने, और जिले के समग्र विकास की जिम्मेदारी निभाता है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि जिला कलेक्टर कैसे बने, इसकी परीक्षा प्रक्रिया, योग्यता, चयन प्रक्रिया और तैयारी रणनीति।


जिला कलेक्टर कौन होता है? (Who is a District Collector?)

जिला कलेक्टर को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) या डिप्टी कमिश्नर (DC) भी कहा जाता है। यह जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है, जिसकी जिम्मेदारी होती है:
कानून-व्यवस्था बनाए रखना
राजस्व प्रशासन देखना
सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन
चुनाव संचालन
आपदा प्रबंधन और राहत कार्य

जिला कलेक्टर बनने के लिए IAS अधिकारी बनना जरूरी होता है, जिसे संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के माध्यम से चयनित किया जाता है।


जिला कलेक्टर बनने के लिए आवश्यक योग्यताएँ

1. शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification)

  • किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) पास होना अनिवार्य है।
  • कोई भी विषय मान्य है, यानी कला (Arts), विज्ञान (Science) या वाणिज्य (Commerce) के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं।
  • अंतिम वर्ष के छात्र भी परीक्षा में बैठ सकते हैं, लेकिन मुख्य परीक्षा से पहले स्नातक पूरा होना चाहिए।

2. आयु सीमा (Age Limit)

वर्गन्यूनतम आयुअधिकतम आयुप्रयासों की संख्या
सामान्य (General)21 वर्ष32 वर्ष6
ओबीसी (OBC)21 वर्ष35 वर्ष9
एससी/एसटी (SC/ST)21 वर्ष37 वर्षअसीमित
दिव्यांग (PWD)21 वर्ष42 वर्ष9 (General/OBC) / Unlimited (SC/ST)

3. राष्ट्रीयता (Nationality)

  • अभ्यर्थी को भारतीय नागरिक (Indian Citizen) होना अनिवार्य है।

जिला कलेक्टर बनने की प्रक्रिया (Selection Process to Become a Collector)

1. UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करें

  • जिला कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले UPSC की परीक्षा पास करनी होगी।
  • UPSC IAS, IPS, IFS, और अन्य सेवाओं के लिए परीक्षा आयोजित करता है।
  • इस परीक्षा के तीन चरण होते हैं:

I. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)

  • यह एक Screening Test होता है, जिसमें दो पेपर होते हैं:
    • पेपर 1 (General Studies – I): 100 प्रश्न, 200 अंक
    • पेपर 2 (CSAT – Aptitude Test): 80 प्रश्न, 200 अंक (केवल क्वालिफाइंग)
  • इसमें नेगेटिव मार्किंग लागू होती है (1/3 अंक कटते हैं)।

II. मुख्य परीक्षा (Mains Exam)

मुख्य परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जिनमें से दो क्वालिफाइंग और सात मेरिट के लिए गिने जाते हैं।

पेपरविषयअंक
पेपर Aभारतीय भाषा (हिन्दी / अन्य)300
पेपर Bअंग्रेजी300
पेपर 1निबंध250
पेपर 2सामान्य अध्ययन - I250
पेपर 3सामान्य अध्ययन - II250
पेपर 4सामान्य अध्ययन - III250
पेपर 5सामान्य अध्ययन - IV250
पेपर 6वैकल्पिक विषय - I250
पेपर 7वैकल्पिक विषय - II250
कुल1750 अंक (मेरिट के लिए)

III. साक्षात्कार (Interview / Personality Test)

  • मुख्य परीक्षा पास करने के बाद, 275 अंकों का साक्षात्कार होता है।
  • इसमें अभ्यर्थी की बुद्धिमत्ता, नेतृत्व क्षमता, प्रशासनिक कौशल और व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है।

IAS चयन के बाद कलेक्टर बनने की प्रक्रिया

  • UPSC परीक्षा पास करने के बाद, अभ्यर्थी को IAS पद पर नियुक्त किया जाता है।
  • पहले 2 वर्षों तक प्रशासनिक प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • इसके बाद जूनियर IAS अधिकारी के रूप में विभिन्न विभागों में तैनाती होती है।
  • लगभग 6-8 वर्षों के कार्यकाल के बाद, IAS अधिकारी को जिला कलेक्टर (DM) नियुक्त किया जाता है।

जिला कलेक्टर की तैयारी कैसे करें?

1. सही रणनीति अपनाएँ

  • NCERT किताबों से बुनियादी समझ विकसित करें।
  • समाचार पत्र (The Hindu, Indian Express) पढ़ें और करंट अफेयर्स अपडेट रखें।

2. सही अध्ययन सामग्री का चयन करें

विषयमहत्वपूर्ण पुस्तकें
इतिहासNCERT, स्पेक्ट्रम
भूगोलNCERT, GC Leong
राजनीतिलक्ष्मीकांत
अर्थशास्त्रसंजीव वर्मा, Ramesh Singh
पर्यावरणShankar IAS
समसामयिकीदैनिक समाचार पत्र, Yojana, Kurukshetra

3. उत्तर लेखन का अभ्यास करें

  • मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें।
  • निबंध लेखन का अभ्यास करें।

4. वैकल्पिक विषय (Optional Subject) का सही चुनाव करें

  • अपनी रुचि और मजबूत पकड़ वाले विषय का चयन करें।
  • लोकप्रिय विकल्पों में राजनीति विज्ञान, इतिहास, लोक प्रशासन, समाजशास्त्र आदि शामिल हैं।

जिला कलेक्टर का वेतन और सुविधाएँ

1. वेतन संरचना (Salary Structure of District Collector)

पदवेतनमान (₹)ग्रेड पे (₹)
प्रारंभिक (Junior Scale)56,1005,400
वरिष्ठ स्तर (Senior Scale)67,700 – 78,8006,600 – 7,600
संयुक्त सचिव1,31,100 – 2,16,6008,700 – 12,000
जिला कलेक्टर (DM)1,44,200 – 2,18,20012,000

2. अन्य सुविधाएँ और लाभ

✔ सरकारी आवास और वाहन
✔ सुरक्षा गार्ड और सहायक स्टाफ
✔ फ्री मेडिकल सुविधाएँ
✔ रिटायरमेंट के बाद भी पेंशन
✔ समाज में उच्च प्रतिष्ठा और सम्मान


निष्कर्ष

जिला कलेक्टर (DM) बनना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन गर्व का कार्य है। यदि आप UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो धैर्य, अनुशासन और कठिन परिश्रम से सफलता पाना संभव है।

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